यादों में उसकी रोता हूँ
यादों में उसकी रोता हूँ

यादों में उसकी रोता हूँ

 

 

यादों  में उसकी रोता हूँ!

जीवन में इतना तन्हा हूँ

 

छूना मत बिखरुंगा वरना

अंदर से इतना टूटा हूँ

 

तोड़ दिया है दिल प्यार भरा

उल्फ़त जिससे मैं करता हूँ

 

मैं नफ़रत करने वालो को

यार जला दूंगा शोला हूँ

 

वो ही देता है यार दग़ा

यार वफ़ा जिससे करता हूँ

 

बात नहीं करता उल्फ़त से

जब भी उससे मिलता हूँ

 

प्यार वफ़ा की ख़ातिर आज़म

रोज़ गली में मैं फिरता हूँ

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

 

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