हुस्न के खिलते से चेहरे | Husn shayari
हुस्न के खिलते से चेहरे
( Husn ke khilte se chehre )
हुस्न के खिलते से चेहरे के लिए !
फूल भेजे ख़ूब रिश्तें के लिए
प्यार की दे आया हूँ मैं क़िताब वो
नर्म उसके आज लहजे के लिए
दर्द दिल में ही लिए वो हिज्र का
छोड़ दिया घर एक वादे के लिए
के लगे कोई नजर ना रकीब की
मैं दुआ मांगू उस अपनें के लिए
प्यार का दे ऐ सनम मरहम मुझे
कर दवा इस जख़्म गहरे के लिए
चैन आज़म को मिले दीदार से
मिलनें आ तू एक लम्हे के लिए