विश्व वृद्धजन दिवस

हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है

सनातनी संस्कृति संस्कार,
वृद्धजन सदा परम स्थान ।
स्नेहिल पावन सानिध्य,
दुःख कष्ट तनाव प्रस्थान ।
अनूप आनुभविक शाला,
प्रेरणा ज्ञान पुंज बहार है ।
हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।।

पौराणिक कथा कहानियां,
अद्भुत पुरात्तन दृष्टांत ।
शमित सारे उग्र आवेश,
चितवन अनुपम शांत ।
भूमिका नित अभिवंदित,
अभिनंदित इनसे उपसंहार है ।
हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।।

आचार विचार व्यवहार ,
अतुलनीय दिव्य संपदा ।
अपनत्व सरित प्रवाह,
आभा धर प्रियवंदा ।
यथार्थ संप्रेषण सेतु,
हास्य विनोद समाहार है ।
हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।।

अंध भौतिक युग वश,
वरिष्ठजन उपेक्षा शिकार ।
बढ़ रहे हैं वृद्धाश्रम ,
अंतर्मन पलित स्वार्थ विकार ।
अब मिटाकर संकीर्ण सोच ,
खूब करना आदर मनुहार है ।
हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।।

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

यह भी पढ़ें :-

आजादी के शहजादे | Poem in Hindi on Bhagat Singh

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here