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उनके आने का इन्तिज़ार रहा | Intezar Shayari

उनके आने का इन्तिज़ार रहा

( Unke aane ka intezar raha ) 

 

उनके आने का इन्तिज़ार रहा,
हर समय मोसम-ए-बहार रहा।

दीदाये-दिल में वो रहे मेरे,
उम्र भर जिनको हमसे प्यार रहा।

मेरी नज़रों से दूर थे लेकिन,
मैं तो उनका ही तलब-गार रहा।

क्यूँ ,करे कोई दुश्मनी मुझसे,
आप से सबसे हमको प्यार रहा।

चाहता क्या है वह मुझसे पथिक
ज़िन्दगी भर जो मेरा यार रहा।

 

 शायर: रामशिरोमणि पथिक
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One Comment

  1. वाह वाह आदरणीय जी बहुत सुंदर बेहतरीन बेमिसाल

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