जब भी चाहेगा तू रूलायेगा | Ghazal
जब भी चाहेगा तू रूलायेगा
( Jab bhi chahega tu rulayega )
( Jab bhi chahega tu rulayega )
ख़ुदग़र्ज़ ( Khudgarz ) जिनको सिर्फ़ ख़ुद की आवाज़ सुनाई देती, जिन्हें सिर्फ़ अपना किया ही है दिखाई देता, ऐसे बेहिस लोगों से फिर क्या ही है बोलना, वही अंधों के आगे रोना अपना दीदा खोना, वो अपनी ही ख़्वाहिशातों के ग़ुलाम होते हैं, अपनी ग़लती पेभी शाबाशी सरेआम लेते हैं, अब हमें नहीं…
जलना पड़ा ( Jalna pada ) मुझे पूरी उम्र देखो जलना पड़ा है, कलेज़े पे पत्थर भी रखना पड़ा है। खता तो हमारी कुछ भी नहीं थी, फिर भी अंगारे पे चलना पड़ा है। दिल भी जला औ जिस्म भी जला है, आशिकी में सब कुछ सहना पड़ा है। अजब हूँ चराग़ मैं जलता…
Shayari 2 Line Attitude ( शायरी 2 लाइन ऐटिटूड ) वो चाय आज भी बरसों से याद है साग़रकिसी की बातों ने उसमें मिठास घोली थी विनय साग़र जायसवाल, बरेली जिस पर हम अपने दिल के सभी राज़ खोल देंइतना भरोसेमंद ख़ुदारा कोई तो हो बुलंदी से उतर जाऊंगा मैं भीहै तेरी भूल…
धीरे -धीरे जहन से उतरता गया ( Dhire Dhire Jehan Se Utarta Gaya ) धीरे -धीरे जहन से उतरता गया, जो कभी प्यार मेरा सहारा रहा। जिन्दगी ने मुझे आज सिखला दिया, मतलबी दौर का वो सिकारा रहा। मैने चाहा बहुत टूट कर प्यार की, पर उसे ना कभी …
पतझड़ ( Patjhad ) दूसरों को पतझड़ देकर, लोग ख़्वाब देखते बाहर का; ख़ुद की ख़बर नहीं, इम्तिहान लेते हमारे सच्चे प्यार का । होंठों पर सजी झूठी मुस्कान अब रह गई किस काम की; जो दिल से ही निकाल दिया तुमने दर्द अपने दिलदार का । मिठास वो क्या जाने,जो चुरा…
है कहां वो प्यार तेरे गांव में ! है कहां वो प्यार तेरे गांव में ! प्यार है जो दोस्त मेरे गांव में खेलते थे हम जहां कंचे देखो है पड़े पीपल का मेरे गांव में तू नहीं आया मिलनें मुझको कभी आ गये हम दोस्त तेरे गांव में बाग़…