जड़न घड़न

जड़न घड़न

जड़न घड़न

कोई पूत कोई दौलत मांगे
कोई रुतबा और शौहरत मांगे
कोई दुनिया से न्यारी प्यारी
बेहद हसीन औरत मांगे

कोई राजपाट का इच्छुक है
कोई ठाट-बाट का इच्छुक है
कोई मस्त मसनदों गद्दों में
कोई एक खाट का इच्छुक है

कोई आशिक़ मस्त बहारों का
कोई आशिक़ चाँद-सितारों का
कोई मगन फ़क़ीरी में रहता
कोई आशिक़ है भण्ड़ारों का

लेकिन कोई ये कहे नहीं
बस एक मुझे ‘तू’ मिल जाए
हो जनम-मरण से छुटकारा
मेरा लय तुझमें हो जाए

देशपाल सिंह राघव ‘वाचाल’
गुरुग्राम महानगर
हरियाणा

यह भी पढ़ें:-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *