जड़ें | Jaden
जड़ें
( Jaden )
जानता हूं , अपनी जरूरत मे तुम्ही
तलाशते हो भगवान को भी
इन्ही पत्थरों मे….
कूड़े के ढेर भी
आते हैं काम खाई पाटने के
गिरती हुई शाख को
लाठी का सहारा भी चाहिए…..
ये कंधे ही उठाए हैं बोझ
तुम्हारी शानो शौकत के
तुम्हे तो यह भी नही मालूम की
पसीने का स्वाद और गंध कैसी है…
खामोशी को आने न दो जुबान तक
बहने दो हवाओं को चाल मे अपनी
सीख लो आंधियों से बचकर रहना भी
दरख्तों की जड़ें बहुत गहरी नही होती…
( मुंबई )