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जानकी वल्लभ श्री राम

( Janaki Vallabh Shri Ram )

 

अवध के राज्य सिंहासन पर
होंगे फिर श्री राम विराजमान
संग में लक्ष्मण जानकी और
परम भक्त श्री हनुमान

वह नगरी मर्यादा पुरुषोत्तम राम की
बसी तट सरयू के जान
कौशल्या सुत, दशरथ नंदन
रहे सनातन के प्राण

धीर , गंभीर , शील और अनु शासित
किया इसी ज्ञान को परिभाषित
करना होगा उनका ही अनुसरण
यदि रहना है उनकी शरण

सीमित नहीं राम अवध में केवल
कण कण में समाये वह तत्व परम
हममें तुममे खडग खंभ में
सब में व्यापित ईश परम

सुबह शाम की वह अंतर चेतना
हर लेते सबके पल पल की वेदना
ऐसे हैं हमारे धर्म शिरोमणि श्री राम
सांसों में समाये श्री राम
बोलो हर क्षण श्री राम जय राम
राम जानकी वल्लभ जय श्री राम

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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