
अवतरण दिवस की शुभकामनाएं
( Avtaran Divas ki shubhkamnaye )
आपके जन्म-दिन के अवसर पर,
अकुंश हम छुट्टी नही आ पाएंगे।
दूरी है मजबूरी है दुआ दे पाएंगे,
और उपहार भी ना पहुँचा पाएंगे।।
इस कविता में मेरा स्नेह आशीष,
पढ़कर लेना सबसे शुभ आशीष।
यही कुछ दुआएं तब काम आती,
कष्ट परेशानियां किसी को आती।।
सुगन्धित रहे सदा जीवन तुम्हारा,
सूरज सा चमको बनकर सवेरा।
बनें रहना सदा अपनो का प्यारा,
बेशुमार खुशी लाऐ जीवन सारा।।
पढ़ो-लिखो एवं ये नाम करो तुम,
जीवन की नई पहचान बनो तुम।
जन्म-दिवस मुबारक हो तुम को,
बधाई भैया मम्मी अकुंश तुमको।।
शुद्ध विचारों का स्मरण है करना,
हृदय और विश्वास तुम्हे जीतना।
हमारा तो बस यह है एक सपना,
पढ़-लिखकर आसमान को छूना।।
रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )