अलविदा महानगर चेन्नई
( Alvida mahanagar chennai )
हम आज तक थें महानगर चैन्नई,
आज अलविदा हम कहतें है भाई।
मिले सबकी शुभ कामनाएँ बधाई,
चलते है अन्ना अब कर दो विदाई।।
मुस्कराते ही रहना चाहें कैसा भी हो पल,
खुशियाँ लेकर आए ये आनें वाला कल।
जीवन के इस सफर में स्नेह मिलता रहे,
प्रेम भाव से सभी अपना काम करते रहे।।
उलझी पड़ी है हमारी जिन्दगी ऐसे,
इस रेलगाड़ी की पटरियों की जैसे।
रास्ते बहुत देखें आने और जानें के,
समझ नही पा रहे कहां जाए कैसे।।
समय कभी किस का भी बुरा नही करता,
वही क्षण समय हमें बहुत कुछ सिखाता।
सिखलाई में कभी भी निराशा नही लाना,
चिंता इतनी ही करना कि काम हो जाना।।
आपका प्यार एवं रहें ये आशीर्वाद,
सभी साथियों का करता धन्यवाद।
मिलेंगे फिर जल्द मिलाएगा ईश्वर,
देखना द साहित्य, यू-ट्यूब ट्वीटर।।
रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )