झमाझम बारिश | Jhamajham Barish
झमाझम बारिश
( Jhamajham Barish )
देखो देखो बारिश का मौसम है आया।
सुहाना मौसम ये सबके मन को भाया।
काले काले घनघोर बादल नभ में छाए।
गर्मी से व्याकुल पशु पक्षी देख हर्षाए।
पेड़ पौधे नव पुष्पों से हुए आच्छादित।
जीव जगत के हृदय देख हुए हैं पुलकित।
बारिश की बूंदें तन मन को भिगोए।
प्रेमी प्रेमिका में मिलन के सपने संजोए।
बारिश होता देख मेंढक भी टर्राए।
पंख खोलकर मोर नाचे और गाए।
सावन के झूले भी बाग बगीचों में लहराए।
कलरव करते पक्षी भी सुमधुर गीत गाएं।
कल कल बहते नदी नाले भी हो गए गुलज़ार।
चारों ओर फैली प्रकृति की मदमस्त बहार।।
रचनाकार –मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर, ( छत्तीसगढ़ )