काहे के नववर्ष ? ( भोजपुरी भाषा में )
काहे के नववर्ष ? ( भोजपुरी भाषा में )

काहे के नववर्ष ? ( भोजपुरी भाषा में )

 

जीवन में जब नइखे कवनो हर्ष,
कवन खुशी में मनावल जाओ नववर्ष?
कोरोना सब कइलस चौपट,
जिंदगी लेलस अइसन करवट!
चहुंओर हाहाकार बा,
किसान मजदूर भी आंदोलन पर मजबूर बा;
अन्नदाता के इ हालत? हो गईल बा।
लड़िकन के रोजी रोटी छिनाइल,
फिर# ता#रे मारल छिछियाइल।
शिक्षा आउर शिक्षक बेहाल बा,
सुनेला सरकार नाहीं तैयार बा‌
भोजन ला तरसे बचवा-
दूध ला तड़पें बुचिया,
कहां से करीं इंतजाम हो?
बोझ बन गइल जिंदगिया!
जैसे तैसे जोड़ जाड़ के गाड़ी घिंचाता?
एही जद्दोजहद में उमिर बीत जा#ता#
फिर काहे के नववर्ष,
जब नइखे कवनो हर्ष?
बड़ दु:ख देले बा-
पिछिला इ साल हो,
अच्छा अच्छा हो गइल बा बेहाल हो?
किसान जवान भी-
कर# तारे# जीवन ला संघर्ष,
मनावल बा व्यर्थ?
एह साल नववर्ष !
जीवन में सच में नइखे कवनो हर्ष,
तब काहे के नववर्ष?

?

नवाब मंजूर

लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

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