झूठी बातों को फिर हवा देंगें
झूठी बातों को फिर हवा देंगें
मौत को मेरी सब दुआ देंगें ।
झूठी बातों को फिर हवा देंंगें ।।
बाद तेरे करूँ गिला मैं क्यूँ ।
प्यार दिल में तिरा दिखा देंगें ।।
जो न खोजे कसूर है किसका ।
वे ही निर्दोष को सजा देंगें ।।
तुम ही कर लो वफ़ा जरा हमसे ।
यार अपने तो सब दगा देंगें ।।
जान जाते ही आयेगी बदबूँ ।
बस इसी डर से सब जला देंगें ।।
प्यार जिसने किया मुझे अब तक ।
आग वो ही मुझे लगा देंगें ।।
बाद मेरे करो गिला सबसे ।
दिल में नफ़रत तेरे जगा देंगें ।।
याद आयेगा तू मुझे भाई ।
ऐसे तुमको नहीं भुला देंगें ।।
यार मेरा अगर है तू सच्चा ।
रब हमें फिर कहीं मिला देंगें ।।
ख्वाब पूरे सभी प्रखर करना ।
हक तुम्हें इतना हम दिला देंगें ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर
( बाराबंकी )