
झूठी शान
( Jhoothi shaan )
पिज्जा ,बर्गर खाय के, कैंसर रहे बुलाय
दाल रोटी शुद्ध सब , वोका देत भुलाय
मैगी,नूडल्स,फास्ट फूड,करें गरल सो काम
झूठी शान देखाय के, कमाय रहयो है नाम
दूध,छाछ,गन्ना नही,कोल्ड ड्रिंक्स पीवन लगे
सौ के साठ,अब पचपन माहि जावन लगे
दूर किए जड़ी बूटी,खाय गोली कैप्सूल
जड़ जमाए रोग तन, भर्यो बदन भर शूल
शाकाहारी त्यागे मांस नोच नोच कर खाय
मानव जनम बिगाड़े , पशुवत होत सुभाय
तामस भोजन खायकर, उपजत क्रोध अपार
अन्न बिगाड़े कर्म पथ, याही ते बढ़त विचार
दया , धरम को मूल है,सहज सुपाच्य भोजन
तन मन शुद्ध रहे,बना रहे हर पल यौवन
( मुंबई )