जिंदगी में जब ख़ुशी रहती नहीं
जिंदगी में जब ख़ुशी रहती नहीं
जिंदगी में जब ख़ुशी रहती नहीं
ख़ुश भरी फ़िर जिंदगी रहती नहीं
एक दिन जज्बात मिट जाते सभी
जिंदगी भर दिल्लगी रहती नहीं
भूल जाते है गिले शिकवे करने
उम्रभर नाराज़गी रहती नहीं
साथ इक दिन छोड़ जाते है सभी
जिंदगी भर दोस्ती रहती नहीं
ढ़ल जाते है जिंदगी में इक दिन ग़म
फ़िर निगाहों में नमी रहती नहीं
दोस्ती का ही बढ़ा दें हाथ जो
उम्रभर फ़िर दुश्मनी रहती नहीं
प्यार में *आज़म दग़ा जो मिल जाऐ
फ़िर दिलों में आशिक़ी रहती नहीं
️
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा