जब तक जग से आस रहेगी
जब तक जग से आस रहेगी
जब तक जग से आस रहेगी।
दिल में कोई प्यास रहेगी।।
कांटा बनके उम्मीदों की।
चुभती हरदम फांस रहेगी।।
रहबर कोई साथ न होगा।
जिसकी तुझको तलाश रहेगी।।
दिल के भीतर अरमानों की।
यूं ही तिरती लाश रहेगी।।
अश्क भरी होगी सब राहें।
सूरत यूं ही उदास रहेगी।।
छौङ सहारा देख जगत का।
सारी खुशियाँ पास रहेगी।।
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