जस्टिस फॉर गुलनाज

जस्टिस फॉर गुलनाज

जस्टिस फॉर गुलनाज

******

#justice_for_Gulnaz
चाहे सरकारें बदलती रहें
राज जंगलवाली ही रहे
ऐसे में हम कहें तो क्या कहें?
जब प्रशासन ही अपना चेहरा उजागर करे!
कौन जीये/मरे
फर्क जरा नहीं पड़े
सिस्टम हैं सड़े
आम आदमी है डरे
अपराधी मजे ले
अफसर चलें सियासी चाल
सरकारों की रखें भरपूर ख्याल
होते मालामाल
ठोकते अपराधियों संग ताल
है कोई मां का लाल
जो इनका बांका करे बाल
तो हो जाए अपन बिहार
खुशहाल और मालामाल।

 

?

नवाब मंजूर

लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

यह भी पढ़ें : 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *