Rajasthani bhasha kavita
Rajasthani bhasha kavita

राजस्थान री विशेषता

( भाषा राजस्थानी )

 

धोरां री आ धरती म्हारी रजवाड़ां री शान
रण बांकुरा लड्या घणा भामाशाह री खान

 

पुष्कर गलता तीर्थ जठै राणा रो स्वाभिमान
नगर गुलाबी जयपुर प्यारो धोरां री मुस्कान

 

बीकानेर जोधाणो घूमो जैसलमेर रेतीलो
कोटा बूंदी हाडोती दमके आमेर रो कीलो

 

मोठ ज्वार बाजरो खाणो तलवारां रो जोश अठै
धोती कुर्ता पगड़ी राखै रणवीरां रो जयघोष जठै

 

नाचै मोर पपीहा कोयल गणगोरियां घूमर घालै
तीज त्यौहारां मेळा लागै मस्ताना री टोळी चाले

 

काकड़िया मतीरा निपजै सगळा झूमै नाचै खेत म
चालै पून बहारां ठंडी सोनो बरसै पीळी बालू रेत म

 

पन्ना रो बलिदान अमर मीरा की भक्ति सो सांची
कूद पड़ी जौहर ज्वाला म पद्मिनी री गाथा सांची

 

मारवाड़ रा बोल मीठा है मान घणों मनुवार घणी
हिवड़ै हेत निभाणो जाणै माटी जाणै मिनखपणो

 

?

कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :- 

कृष्ण कन्हैया | Muktak krishna kanhaiya

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here