कन्या पूजन

कन्या पूजन | Kanya pujan kavita

कन्या पूजन

( Kanya pujan : kavita )

 

कन्या देवी रूप समान
कहते हैं सब वेद पुराण
कन्या पूजन से होता है
घर परिवार जग कल्याण

नव गृह प्रवेश पर कन्या
पूजन का खास विधान
अष्टमी नवमी नवरात्र में
कन्या रूप साक्षात मान

 

कन्या आदर सत्कार करे
देवी चरणों को जो धोता
सुख समृद्धि घर में आती
सौभाग्यशाली नर होता

 

नौ देवियों पूजन बाद ही
भक्त व्रत पूरा करते हैं
थाल सजा भोजन करवाते
शीश मां चरणों में धरते हैं

 

सामर्थ्य से दक्षिणा देते
चरण छूकर आशीष लेते
विजय विद्या राजयोग पाते
धन ऐश्वर्य वैभव सब आते

 

मात भवानी अम्बे खुश हो
घर घर में खुशहाली आती
सफल होती साधक साधना
मन इच्छा सब पूरी हो जाती

भरा रहे भंडार सदा ही
रणचंडी देती है वरदान
दुष्ट दलनी संकट हरणी
भक्तों का करे कल्याण

 

दुर्गा नौ रूपों की पूजा
अर्चना जो नित करता
कन्या पूजन सेवा वंदना
आशीशों से झोली भरता

    ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

 

20+ Motivational Poem in Hindi मोटिवेशनल कविता हिंदी में

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *