करूं भी तो क्या | Karoon Bhi to Kya
करूं भी तो क्या
हम सबकी जिंदगी भी एक सर्किल की तरह है,
इसी में हम सब उलझें और घूमते रहते हैं हरदम।
लाइन पर सीधा चलना तुम भी भूले और हम भी,
अपने ही कामों में उलझे रहते हैं अब तो हरदम।।
हम सबका था रंगीन जीवन अब बेरंग हो गया है,
कलर प्लेट में है,या प्लेट कलर में है पता नहीं।
हम सबका न्यू कमांड भी अब तो खो गया है।।
संचार मशीन बन गया हूं अब तो मैं, पता नहीं।।
मैं तो अब अपने जीवन का जनक हो गया हूं,
रोज नए-नए तरीके से मुझपर ही प्रयोग होता है।
गणनाएं भी अब हाथ जोड़ती है मुझे देखकर,
हमेशा चार संक्रियाओ में मेरा ही योग होता है।।
आईसी था मैं माइक्रो प्रोसेसर बनकर बाजार में,
जिंदगी प्रोसेसिंग,सीपीयू और आउटपुट बन गई।
जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए क्या क्या किया,
अब तो हर लोगों की जिंदगी तो यूं ही बदल गई है।।

प्रभात सनातनी “राज” गोंडवी
गोंडा,उत्तर प्रदेश
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