आओ मिलकर पेड़ लगाएं
( Aao milkar ped lagaye )
आओं सभी मिल कर पेड़ लगाएं,
पर्यावरण को साफ़ स्वच्छ बनाएं।
पेड़ों से ही मिलती है ऑक्सीजन,
जिससे जीवित है जीव और जन।।
पढ़ा है मैने पर्यावरण एवं विज्ञान,
वृक्षों के बिना नही कोई मुस्कान।
आओ मिलकर लगाओ सब वृक्ष,
अब यही रखना सभी एक लक्ष्य।।
समानता सबके साथ यह रखता,
हवा फल फ़ूल गोंद मेवे यह देता।
बदले में किसी से कुछ नहीं लेता,
अपना सर्वस्व सब को लुटा देता।।
कोई प्रकृति से ना करो छेड़छाड़,
इससे करो अपनों के जैसा प्यार।
सब परिणाम देख रहें हो इसबार,
अब तो बन जावो सब समझदार।।
छाया आज भू-मण्डल पर कहर,
ऑक्सीजन बिना लोग रहें है मर।
देख रहें हो क्या हो रहा यह हाल,
पेड़ नही काटे लगाओं फिलहाल।।
रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )