Kavita | कोरोना तू जिंदगी का जंग हो गया
कोरोना तू जिंदगी का जंग हो गया
( Corona tu jindagi ka jung ho gaya )
कोरोना तू जिंदगी का जंग हो गया
तेरा ये कहर देख मैं दंग हो गया
सभी हंसते मुस्कुराते थे लोग यहां
पर जिंदगी में लोहे सा जंग हो गया
गरीबों का फांसी का फंदा हो गया
नेताओं का बेदाग सा धंधा हो गया
पेड़ पौधे बेजुबां खुश बहुत है मगर
जुबानी गलों का अब तू फंदा हो गय
स्कूल कॉलेज जाना सब सपना हो गया
बच्चे सब एकलव्य ,इंटरनेट द्रोण हो गया
मंदिर में न इंशा है, मस्जिद में न अल्लाह
पत्थर भगवान नहीं सिद्ध कोरोना हो गया
जमीं का भयानक अदृश्य दुश्मन हो गया
जब से आया तू डॉक्टर मालामाल हो गया
बता तो जरा तू भगवान का कौन सा रूप है
तेरे इलाज में सब वैज्ञानिक फेल हो गया
तू जब से आया सब सत्यानाश कर गया
रोजगारियों का रोजगार सब नाश कर गया
मोदी का जो लक्ष्य था पकोड़े बेचवाने का
तू आकर उनके लक्ष्य का सत्यानाश कर गया
लेखक– धीरेंद्र सिंह नागा
(ग्राम -जवई, पोस्ट-तिल्हापुर, जिला- कौशांबी )
उत्तर प्रदेश : Pin-212218
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