किताबें खुशबू देती हैं | Kavita Kitaben Khushboo Deti Hai
किताबें खुशबू देती हैं
( Kitaben Khushboo Deti Hai )
किताबें खुशबू देती हैं
जीवन महका देती हैं l
किताबों में समाया
ज्ञान विज्ञान l
किताबों का जग
करे गुण~गान l
किताबों ने निर्मित की है
जग में विभूति महान l
अकिंचन कालिदास,
सूर, तुलसीदास
नभ में चमके भानु समान l
किताबें गुणों भरी है खान
वेद तुल्य समाया ज्ञान l
इसी ज्ञान के दम पर
चंद्रमा पहुंचा प्रज्ञान l
किताबें सिखलाती
देश पर होना कुर्बानl
किताबों की खुशबू से फैला~
विश्व-बंधुत्व का सम्मान।
युगों ~युगों से किताबें
खुशबू देती आई है l
आमोद प्रमोद प्रसंग
जीवन में तरुणाई हैl
ऋषियों के त्याग,तपस्या
इनमें ऋचाओं का गान l
किताबें इसीलए
खुशबू देती हैं
मानव मात्र का जीवन
महका देती हैं l
राजेंद्र कुमार रुंगटा
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)