महकती सांसों में तुम्हें बसा लूं | Mahakati Saanson Mein
महकती सांसों में तुम्हें बसा लूं
( Mahakati Saanson Mein Tumhe Basa Loon )
मेरी महकती सांसों में तुम्हें बसाके रखूंगा।
सांसों की सरगम सजीली बना के रखूंगा।
महकती सी फुलवारी हो सजा दूं जो तुम कहो।
दिल दीवाना प्यार का मंदिर बना दूं तुम कहो।
हसीं वादियां तुमको पुकारे आजा मेरे दिल के द्वारे।
दिल की धड़कनें गीत गाती दमक रहे नैनो के तारे।
अल्फाजों के मोतियों की रत्नजड़ित शब्द माला।
मेरे ख्वाबों की मलिका बन जाऊं तेरा रखवाला।
इन सांसों में धड़कनों में तेरा ही एहसास प्यारा।
रोम रोम में धुन तेरी ही तेरा ही बजे संगीत सारा।
नैनो को बस तेरा चेहरा तेरी बातें लब को भाती।
यूं लगता भोर सुहानी अंतर्मन को छूकर जाती।
कहने को बातें बहु तेरी अधरों से कह नहीं पाता हूं।
सांसों से दस्तक दिल तक दिल का हाल सुनाता हूं।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )