मित्र दिवस | Kavita Mitra Divas
मित्र दिवस
( Mitra Divas )
चेहरा भूल जाओगे तो,
शिकायत नहीं करेंगे।
नाम भूल जाओगे तो,
गिला नहीं करेंगे।
और मेरे दोस्त,
दोस्ती कि कसम है तुझे।
जो दोस्ती भूल जाओगे,
तो कभी माफ नहीं करेंगे।
खुशी से दिल,
आबाद करना मेरे दोस्त।
और गम को दिल से
आज़ाद करना।
हमारी बस इतनी,
गुजारिश है मेरे दोस्त।
कि दिल से एक बार,
याद हमें जरूर ही करना।
जिन्दगी सुन्दर है,
पर मुझे जीना नहीँ आता।
हर चींज मैँ नशा है,
पर मुझे पीना नहीँ आता।
सब जी सकते है,
मेरे बिना दोस्त।
पर मुझे ही किसी के,
बिना जीना नहीँ आता।
आज भीगी है मेरी पलके,
तेरी याद में।
आकाश भी सिमट गया है,
अपने आप में।
ओस की बूंदे,
ऐसे बिखरी है पत्तो पर।
मनो चाँद भी रोया है,
मेरे दोस्त कि याद में।
हो नहीं सकता मुझे,
आपकी याद न आये।
भूल के भी वो,
एहसास न आये।
आप भूले तो आप पे,
आच न आये मेरे दोस्त।
में भुला तो खुदा करे मुझे,
अगली सांस ही न आये।
छोटी सी बात पर कोई,
शिकवा न करना।
कोई भूल हो जाए,
तो माफ़ करना।
नाराज़ जब होना,
हम दोस्ती तोड़ देंगे।
क्योकि ऐसा तब होगा,
जब हम दुनिया छोड़ देंगे।
जय जिनेंद्र
संजय जैन “बीना” मुंबई
( मेरे मित्रों के लिए मेरी कविता समर्पित है, जीवन में हर चीज इंसान खरीद सकता है परन्तु सच्चा और अच्छा दोस्त तो सिर्फ नसीव वालो को बिना मूल्य ही मिलता है।मित्र दिवस की सभी दोस्तों को बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं। )