गणतंत्र दिवस पर कविता

 

रामराज्य की झलक, भारतीय संविधान में

विश्व पटल वृहत्तर छवि,
हर नागरिक हित प्रहरी।
शब्द आभा मानवता वंदन,
समग्र विकास नींव गहरी ।
संघात्मक भव्य रूप श्रृंगार,
संप्रभुता स्वतंत्रता आह्वान में।
रामराज्य की झलक, भारतीय संविधान में ।।

जाति धर्म लिंग रंग सह,
नस्ल भाषा विभेद दूर ।
समता समानता भाव प्रवाह,
नैसर्गिक संवेद भरपूर ।
परस्पर भाईचारा एकता,
सद्भाव वंदन स्नेह सम्मान में।
रामराज्य की झलक, भारतीय संविधान में ।।

पांथिक आस्था विश्वास,
हर व्यक्ति निजता रक्षित ।
सर्व पंथ हार्दिक आदर दृष्टि,
राष्ट्र सेवा जन संकल्प दीक्षित ।
शीर्ष पर्यावरण संरक्षण संचेतना,
सुखद मंगल भविष्य अरमान में ।
रामराज्य की झलक,भारतीय संविधान में।।

अनूप चार सौ अड़तालीस अनुच्छेद,
पच्चीस भाग बारह अनुसूचियां ।
अधिकार कर्तव्य नीति निर्देश संग,
ध्यान प्रज्ञान रज रज रूचियां ।
मर्यादा उत्तम सद्चरित पात्रता,
नेतृत्व चयन विधि गुणगान में ।
रामराज्य की झलक,भारतीय संविधान में ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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