Kavita nav varsh
Kavita nav varsh

नव वर्ष

( Nav varsh )

 

 

नूतन वर्ष मंगलदायक, अभिनंदन शुभ वंदन है।

उमंग उल्लास भाव भरा, नववर्ष स्वागत वंदन है।

 

मधुर प्रेम रसधार बनो, सद्भावों की बनकर धारा।

खुशियों की बरसात करो, उमड़े उर प्रेम प्यारा।

 

मोहक मुस्कान बन, सबके दिल पर छा जाओ।

खुशियों का खजाना, प्यार के मोती लुटा जाओ।

 

मधुर तराने गीतों के, मुरली की धुन बनो प्यारी।

नववर्ष खुशियां बांटो, खिल जाए हृदय फुलवारी।

 

गुलशन सारा महक उठे, फूलों सी मुस्कान बनो।

वीणा के स्वर बनकर गुंजो, भारती गुणगान बनो।

 

पावन है देश की माटी, कण कण पावन चंदन है।

स्वागत है नववर्ष तुम्हारा, भाव भरा शुभ वंदन है।

 

   ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

सुहाना यह सफर | Kavita suhaana yah safar

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here