Tu sada muhabbat se muskura
Tu sada muhabbat se muskura

तू सदा मुहब्बत से मुस्कुरा

( Tu sada muhabbat se muskura )

 

 

तू सदा मुहब्बत से मुस्कुरा

छोड़  दे  उदास  रहना सदा

 

यूं नहीं सता मिलेगे दुख ही

देख  तू  ग़रीब  की  ले दुआ

 

नफ़रतें सभी दिल से छोड़ दे

प्यार का हमेशा दे सिलसिला

 

जिंदगी बहुत ग़मों में जी ली

हर ग़म से ख़ुदा मुझे दे शिफ़ा

 

साथ प्यार से सदा तू निभा

यूं न रोज़ प्यार में दे ज़फ़ा

 

तोड़कर मुहब्बत से दिल भरा

यूं न कर मुझे सनम ग़मज़दा

 

बेवफ़ा नहीं  होना आज़म से

फूल  दे  सदा  वफ़ा से भरा

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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