नया साल | Kavita Naya Saal
नया साल
( Naya saal )
रफ्ता रफ्ता गुजर गया वो साल पुराना था
कड़वे मीठे अनुभवों का बड़ा खजाना था
आने वाला साल बाइसवां बेहतर आएगा
स्वागत करें नववर्ष तुम्हारा खुशियां लाएगा
जब भी कोई नया नया हो जश्न मनाते हैं
नई सोच नई उमंग ले आगे बढ़ जाते हैं
यह हमको विश्वास चेतना जन मन लाएगा
बदलावों की चले बयार विजय दिलाएगा
अमन चैन का रस बरसे जीवन में भरपूर
नई साल की खुशियों में हो जाए इतना चूर
हर मुश्किल को आसान कर खुद राह बनाएगा
स्वागत है नववर्ष जीवन में खुशियां लाएगा
कोरोना का काल रहा संकट के बादल
बदल जाए परिवेश आज का आये नूतन कल
कहें अलविदा साल पुराना नूतन आएगा
स्वागत है नववर्ष जीवन में खुशियां लाएगा
इतिहासों में खो जाएगा बीता हुआ वो साल
नए जोश और नई उमंग से बदलेंगे हम हाल
नई प्रेरणा मार्गदर्शन फिर देकर जाएगा
स्वागत है नववर्ष जीवन में खुशियां लाएगा
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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