निवेदन | Kavita Nivedan
निवेदन
( Nivedan )
निवेदन है
धरा से
मत हो
वीराना ,
अरदास है
ईश से
भूलें न
कृपाना,
आह्वान है
आकाश सै
रंग नीलिमा
न बदलना,
गुजारिश है
बादलों से
वर्षा अमृत
न भूलना,
आरजू है
आदमी से
आदिमकाल
न जाना।
शेखर कुमार श्रीवास्तव
दरभंगा( बिहार)