राजस्थान दिवस | Kavita Rajasthan Diwas
राजस्थान दिवस
( Rajasthan Diwas )
चंबल की अदाओं पर,मरुस्थल की अंगड़ाई
त्याग बलिदान शौर्य धरा,
उत्सर्ग उपमित भव्य इतिहास ।
लोक कला संस्कृति अद्भुत,
सर्वत्र दर्शन जन उल्लास ।
रजपूती माटी रज रज,
अनंत सूरमा सुप्रभा जड़ाई ।
चंबल की अदाओं पर,मरुस्थल की अंगड़ाई ।।
मिट्टी अंतर जोश उमंग,
मलयज सम स्फूर्त बयार ।
मातृभूमि रक्षा जीवन ध्येय,
अभिवंदित रणबांकुरी प्यार ।
मीरा कृष्ण भक्ति परम पद,
आराधित हल्दीघाटी लड़ाई।
चंबल की अदाओं पर,मरुस्थल की अंगड़ाई ।।
पुनीत पावन रेगिस्तानी धोरे,
मनमोहक सुरीले गीत ।
लोक रंग अनूप अठखेलियां,
झलकती सौम्य प्रीत ।
पुरात्तन अनुपमा अधुना संग ,
शिखर शोभना प्रगति मढ़ाई।।
चंबल की अदाओं पर,मरुस्थल की अंगड़ाई ।।
विषमता पुंज भौगोलिक श्रृंगार,
राष्ट्र उत्संग वृहत्त प्रांत।
शिक्षा विज्ञान प्रगति आह्लाद,
नागरिक छवि शिष्ट संभ्रांत ।
अरावली कंदराओं अंतर ,
सुख समृद्धि ओजस्विता घड़ाई ।
चंबल की अदाओं पर,मरुस्थल की अंगड़ाई ।।
नवलगढ़ (राजस्थान)