ज़िन्दगी तेरे रंग हज़ार | Zindagi Tere Rang Hazaar
ज़िन्दगी तेरे रंग हज़ार
( Zindagi Tere Rang Hazaar )
ज़िन्दगी तेरे, रंग हज़ार ।
किसी में नफ़रत , किसी में प्यार ।
कहीं है पतझड़ ,कहीं बहार ।
किसी में जीत , तो किसी में हार ।
कहीं सुकून तो , कहीं तनाव ।
हर पल रंग ,बदलती ज़िन्दगी ।
कभी सुख, देती बेशुमार ।
कभी कभी , खो जाते अपने ।
कभी मिल जाते , बिछड़े यार ।
कभी किसी पर ,करती प्रहार ।
और कभी, देती उपहार ।
किन्तु तेरे ,दिन बस चार ।
फिर चल जियें, खुशी से यार ।
भर दें तुझमें , प्यार ही प्यार ।
श्रीमती प्रगति दत्त
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
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