स्नेह से प्रेम | Kavita Sneh se Prem
स्नेह से प्रेम
( Sneh se Prem )
स्नेह से प्रेम जताया जाना
उपहार में गुलाब दिया जाना
सूर्य का उदय होना यां
शिशु का जन्म लेना
सब संकेत प्यार को परिभाषित करते हैं
गहरा लाल रंग फूलों पर कोमल दिखता है
वही लाल रंग आंखों में आकर उग्र होता है
मन के भाव और मस्तिष्क के विचार
ज्वलंत भावनाओं की छाया में
आक्रामकता से कर रहे हैं मानवीय कार्य
जैसे प्रियतम के लंबे इंतजार के बाद
प्रेयसी का चेहरा क्रोध से लाल है
पश्चिमी सागर की गोद में डूबता सूरज
आसमान में लाली बिखेर रहा है
इस लालिमा को काबू ना किया जाए
रोका ना जाए, दबाया ना जाए।
न सिर्फ आक्रामकता बल्कि परिपक्वता को मौका दिया जाए
अत्यंत कोमल लालिमा का अनुभव लाल गुला़ब
यां अत्यंत दृढ़ सुर्ख मादकता का स्वाद रेड़वाइन
आवश्यक रूप से स्नेह से प्रेम को बढ़ाते हैं।
शिखा खुराना