स्वामी विवेकानंद | Kavita Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद

( Swami Vivekananda )

स्वामी विवेकानंद के जीवन से हम कुछ सीख ले l 2
अध्यात्म और निज धर्म से खुद का भी जीवन सींच लें।
हम नित नए अरमान लें यूं रास्ता चलते रहें।
हम देश हित हो लक्ष्य जो उनको सदा बुनते रहें।
मुश्किलें जो आएं पथ हम मुट्ठियों को भींच लें।
स्वामी विवेकानन्द के….

वेदांत गीता ज्ञान को दुनिया में था फैला दिया।
जब शून्य पर था बोलना वाचन भी कुछ ऐसा किया।
अनभिज्ञ थे जो हिंद से वो हिंद प्रेमी हो गए।
दुनिया को सारी भूलकर अध्यात्म में वो खो गए।
हम भी सनातन धर्म की इस ध्वजा को खींच लें।
स्वामी विवेकानंद के जीवन……..

प्रेम भक्ति प्रेम मुक्ति प्रेम ही तो ज्ञान है।
संसार को दे उन्नति वो प्रेम शक्ति महान है।
उठ जाग कर रुकना नहीं बस अनवरत चलते रहो,
निज प्रयोजन सिद्ध हो स्व कर्म को करते रहो।
प्रेममय और योगमय हो खुद की आंखे मींच लें।
स्वामी विवेकानन्द के ……

अंजलि श्रीवास्तव अनु
महमूदाबाद सीतापुर उत्तर प्रदेश।

( 1 ) 

महानायक महा चिंतक धर्मगुरु आप सुधानंद

केसरिया बाना में दमके स्वामी विवेकानन्द

 

विश्व धर्म सम्मेलन में भारत को नई पहचान दिला

युवाओं में उमंग जगा प्रेरणा स्रोत बने जोश जगा

 

युगपुरुष हे संत शिरोमणि बुद्धि विवेक के ज्ञाता

कोटि-कोटि तुमको वंदन है राष्ट्र चेतना प्रज्ञाता

 

उठो, जागो, सामना करो, जज्बा दिया युवाओं को

आगे बढ़ो, घबराओ मत, धन्य आपके हौसलों को

 

खेतड़ी राजस्थान से स्वामीजी का लगाव रहा

महाराजा अजीतसिंहजी से प्रगाढ़ प्रेम-भाव रहा

 

शेखावाटी की माटी को दुनिया में महकाया है

सच्चे परमहंस शिष्य सदैव प्रकाश फैलाया है

    ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *