Kavita Uski Aukat

उसकी औकात | Kavita Uski Aukat

उसकी औकात

( Uski Aukat )

करते हैं काम जब आप औरों के हित में
यह आपकी मानवता है
करते हैं आपके लिए लोग जब काम
तो यह आपकी महानता है

बड़े खुशनसीब होते हैं वो लोग
जिन्हे फ़िक्र और की होती है
बदनसीब तो बेचारे
खुद के लिए भी कुछ कर नही पाते

इच्छाएं तो बढ़ती हैं बेल की तरह
जरूरतें अधिक नही होतीं
परेशानी तो होती है तुलना में
संतुष्टि मे तो समाधान हि होता है

चढ़ाई मे थके हैं कदम उसके
बहुत कुछ त्याग दिया है उसने
होगा, उसकी कहानी से हमे क्या
लेकिन इतना बढ़ कैसे गया !

बगल में हि उसका दो मंजिला
हमें हि नीचा दिखाने की चाल होगी
अब और अधिक बर्दास्त नहीँ होगा
उसकी उसे औकात दिखानी हि होगी

मोहन तिवारी

( मुंबई )

यह भी पढ़ें :-

पहचान | Kavita Pahchan

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *