Kavita vidhan
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विधान

( Vidhan )

 

विधि का विधान है या नियति का खेल कोई
डोर  हाथों  में उसके करतार करता सब होई

 

दुनिया का दस्तूर यही है जगत का विधान प्यारे
बुराई का अंत बुरा भलाई दमकाती भाग्य सितारे

 

न्याय का विधान हमारा प्यारा है संविधान हमारा
जनता को हर अधिकार दिलों में हिंदुस्तान हमारा

 

जीवनचर्या सदाचरण से सुंदर सा विधान बुन लो
व्योम छूये कीर्ति पताका कर्म कोई महान चुन लो

 

धरती सूरज चांद तारे सब नियम से विचरण करते
सिंधु से मोती निकले वीर हौसलों की उड़ान भरते

 

सुख का सागर ले हिलोरे संयम शील विधान जहां
प्रेम की गंगा बहती है गुणों को मिले सम्मान जहां

 

विधानसभा आमसभा जन हितकारी संवाद मिले
हर बालक को शिक्षा पूरी जन-जन के चेहरे खिले

 

   ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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