जिंदगी का राज | Kavita Zindagi ka Raaz
जिंदगी का राज
( Zindagi ka Raaz )
मेरी मुस्कान का राज
लोग पुछते हैं I
क्योंकि,
मैंने कभी दर्द की
नुमाइश नही की I
जिंदगी से जो मिला
उसे कबूल किया I
किसी चीज की मैंने
कोई फरमाइश नही की I१I
मुश्किल है यारो मुझे समझ पानाI
क्योंकि,
जीने के अलग है अंदाज मेरे I
जब जहां जो मिला अपना लिया I
ना मिला उसकी ख्वाहिश नही की।2I
भले ही जमाने ने
दर्द लाखो दिये हो।
क्योंकि ,
मैंने हमेशा परिस्थितियों से
लड़ना जो सीखा है।
मिली कामयाबी तो भी
ज्यादा खुश नही हुआ।
न मिली तो भी गमों की
शिकायत न की।३।
जब भी सफलता ने
कदमों को चूमा।
क्योंकि,
मैंने संघर्ष करने से कभी
हार जो न मानी।
दिलो जान से हमनें
इसे जो अपनाया है।
परिणाम आने पर भी
इसे तबज्जो न दिया।४।
यही राज है मेरा
जिंदगी को जीने का।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन “बीना” मुंबई
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