खादी एक शान है | Khadi
खादी एक शान है
खादी एक शान है,
खादी एक सम्मान है।
स्वाभिमान है खादी,
खादी एक सद विचार है।
देसी धागों से बना हुआ,
देश प्रेम मे सना।
रेशम के तानों से तना,
खादी एक सत्कार है।
गांधी जी का जीवन दर्शन है,
अपना तो दर्पण है, समर्पण है।
तन ढकने को अर्पण है,
खादी एक एहसास है।
मोटे पतले धागों का मेल,
समरसत्ता का संदेश है खादी।
अमीर गरीब के योग का,
खादी एक कमान है।
उद्योग है , उधम है खादी,
जिंदगी की जरूरत है खादी।
खादी एक कला है,
सादा जीवन उच्च विचार है।
खादी नव जनमानस का रूप है,
सरकार का स्वरूप है खादी।
सड़क से संसद तक,
खादी की चिरंजीवी का आया है।
खादी देश की पहचान है,
तिरंगा है चरखा है।
रोजगार है रोटी है,
परिधान है खादी।
एक पुकार है एक सुझाव है,
नर नारी सब में है खादी।
जय खादी जय खादी,
आर बी की खादी जय हो।
लेखक: राम बरन सिंह ‘रवि’ (प्रधानाचार्य)
राजकीय इंटर कालेज सुरवां माण्डा
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )
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