Khata Shayari
Khata Shayari

हो गई खता यूँ ही

( Ho gayi khata yoon hi )

 

हो गया कितना बावला यूँ ही
आँख से हो गई खता यूँ ही

लोग मिलते रहे जुदा भी थे
साथ में चलता काफिला यूँ ही

याद फिर रोज वो लगे आने
पहले जिनको भुला दिया यूँ ही

चाह थी गर तो कह दिया होता
भागता क्यों रहा बता यूँ ही

सुन रखा था कि आज देख लिया
दिल को लेते हैं वो चुरा यूँ ही

वक्त ये अब उसे कहाँ लाया
डूबता प्यार में रहा यूँ ही

था कलाकार वो सुधा दिल का
मुझको अपना बना लिया यूँ ही

 

Dr. Sunita Singh Sudha

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
( वाराणसी )
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