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आंखों में जिसका सपना है | Sapna Shayari

आंखों में जिसका सपना है

( Aankhon mein jiska sapna hai ) 

 

आंखों में जिसका सपना है ?
दूर कहीं वो मुझसे रहता है

कौन करे किससे यार वफ़ा
उल्फ़त में होता धोखा है

छोड़ सताना तू मुझको ही
उल्फ़त में ही दिल टूटा है

हाल कहूँ मैं किससे दिल का
दोस्त न कोई भी मेरा है

शक न करो उल्फ़त में ही यूं
मुश्किल से रिश्ता जुड़ता है

कि दग़ाबाज़ फ़रेबी दिल का
देखा न कभी उस जैसा है

ऐ रब भेज कोई जीवन में
जीवन में आज़म तन्हा है

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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