Kinhi Kano se
Kinhi Kano se

किन्हीं कानों से

( Kinhi kano se) 

 

किसी की आंखों से, किन्हीं कानों से।

कृपया मत देखो, कृपया मत सुनो।

 

केकई तो कान की कच्ची हो गई

कुछ बात मंथरा कर्णप्रिय भर गई

 

राम राजतिलक होना तय हुआ

भाग्य में बनवास जाना कर गई

 

कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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