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मृत्यु का भोज | Mrityu bhoj par kavita
मृत्यु का भोज ( Mrityu ka bhoj ) मानों बात आज नव युवक लोग, बन्द कर दो यह मृत्यु का भोज। चला रहें है इसको ये पुराने लोग, आज तुम सभी पढ़े-लिखे लोग।। जीवित पिता को एक रोटी नही, मृत्यु पर जिमाते आप लोग कई। अपना समय तुम सभी भूल गये, खिलाते थें…

किस मूरत को हम पूजे
किस मूरत को हम पूजे किस मूरत को हम पूजे, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा है। या मन मन्दिर में मेरे जो, जिसमें मेरी निष्ठा है।।१ बिना प्राण की मूरत पूजे,क्या मुझको फल देगी । मेरी विनय पुकार सुनेगी, मेरे कष्टों का हल देगी।।२ जिस मूरत में प्राण भरा है ,वह मूरत क्या सच्ची है । जिसमें…

ईश्वर की मर्जी | Kavita Ishwar Ki Marzi
ईश्वर की मर्जी ( Ishwar Ki Marzi ) ईश्वर की मर्जी के आगे, कहाँ किसी की चलती है। विधि मिटे ना भाग्य बदलता, होनी तो होकर रहती हैं। सीता हरण हुआ राघव का,वधू वियोग पहले से तय था, दश आनन को मारा जाना, राम के हाथों ही निश्चय था। श्रवण मरे…

जय मां भारती | Jai Maa Bharti
जय मां भारती ( Jai maa bharti ) शत शत बार नमन वंदन कोटि कोटि बार प्रणाम कर गए आजाद गुलामी से लाखों लाखों बार उन्हें सलाम लेकिन,अब बारी हमारी है यदि,देश की माटी प्यारी है देश बचाना होगा सत्ता लोभी से छली,कपटी, टुच्चे और भोगी से नव भारत का निर्माण करें आओ मत…

दीपावली पर कविता | Diwali Kavita in Hindi
दीपावली पर कविता ( Diwali par kavita ) ( 2 ) आने वाला एक त्योहार, दिया जले उसमें दो चार। कुछ थे रंग बिरंगे वाले, कुछ थे कच्ची मिट्टी वाले। कुछ में घी और कुछ में धागे। बच्चे भी थे रात को जागे, दीपावली के जगमग रात में ।खुशियों का संचार है,एक दूसरे को सब…

राष्ट्रभाषा हिंदी | Hindi Rashtrabhasha
राष्ट्रभाषा हिंदी! ( Rashtrabhasha Hindi ) एक सूत्र में देश जो बाँधे, वो हिंदी कहलाती है। जन -जन के अंतर्मन में जो, प्यार का अलख जगाती है। पढ़ना-लिखना इसमें सरल है, जल्दी समझ में आती है। जन- जन की भाषा है हिंदी, तभी तो सभी को भाती है। गौरवमयी इतिहास है इसका, क्रांति का…

