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ताबूत | Kavita Taaboot
ताबूत ( Taaboot ) गुजर जाती हैं बातें भी, गुजरे हुए दिन की तरह छोड़ जाती हैं दर्द भी चुभती कील की तरह रख लो दिल में भले, किसी को जितना चाहो रहोगे बातों में मगर तुम, किसी गैर की तरह रहो लुटाते जान अपनी, ये जान तो तुम्हारी है झटक देंगे आन पर…
गंगा मइया | Ganga Maiya
गंगा मइया ( Ganga maiya ) गंगा मइया कै निर्मल लहरिया, नहाये चला काशी शहरिया। राजा भगीरथ ने गंगा को लाया, रोज -रोज करती पावन वो काया। छोड़ा ई रोज कै बजरिया, नहाये चला काशी शहरिया, गंगा मइया कै निर्मल लहरिया, नहाये चला काशी शहरिया। शिव की जटा से निकली है गंगा, धो करके…
जमाना आजकल | Jamana Aaj Kal
जमाना आजकल ( Jamana Aaj Kal ) जमाना आजकल बदल रहा है, जो कल था,वह आज नहीं रहा है हो रहा है, नित नया प्रयास हर रोज बंध जाती है, जीने की आस l कैसा बीत रहा है आज कल की खबर नहीं क्या होगा कल आज जी को मस्ती भरे नगमे गा लो…
आमचुनाव | Kavita Aam Chunav
आमचुनाव ( Aam chunav ) फिर आमचुनाव ये आया है, सरकार ने बिगुल बजाया है। मतदारों कुछ तो नया करो, देश का कुछ तो भला करो। डीजल, पेट्रोल फिर हो सस्ता, हालत देखो कितनी खस्ता। डी. ए. पी. का है भाव चढ़ा, कितना अरहर का दाम बढ़ा। कुछ तो हमारी मया करो, देश का…
बचपन का प्यार भूल नहीं जाना रे | Bachpan ka Pyar
बचपन का प्यार भूल नहीं जाना रे ( Bachpan ka pyar bhul nahi jana re ) मेरे अंश मेरे ख़ून तुम याद सदा ही रखना रे, तुम बचपन का प्यार मेरा भूल नही जाना रे। तेरे जन्म के खातिर कोई मन्दिर ना छोड़ा रे, मस्जिद चर्च गुरुद्वारों के भी चक्कर काटे रे।। तेरे लिए…
तमाम बस्ती जला रहा है
तमाम बस्ती जला रहा है तमाम बस्ती जला रहा है। मकान अपना बचा रहा है।। नहीं किसी की बचेगी हस्ती । बिसात ऐसी बिछा रहा है ।। वो घोल करके दिलों में नफ़रत। जहां से उल्फ़त मिटा रहा है।। वो दोष औरों के सर पे मढ़कर। बेदाग़ ख़ुद को दिखा …