Lamhe
Lamhe

लम्हे

( Lamhe ) 

 

एक लम्हे में ही कहानी बन जाती है
एक लम्हे में ही जीवन बदल जाता है
लम्हे के पल को समझना न कम कभी
कभी लम्हे में ही जीती बाजी पलट जाती है

लम्हे लम्हे ही सांसों का दौर चलता है
लम्हे लम्हे ही गगन से बूंद बरसती है
लम्हे लम्हे ही सरकते हैं सूरज और चांद भी
लम्हे लम्हे से ही एक पूरा युग बदल जाता है

बहुत कीमती है लम्हे का हर पल
जिंदगी के हर लम्हे में
बिछी बिसात जिंदगी की
कौन जाने यह लम्हा हो आखिरी जिंदगी का
कौन जाने आखिरी मुलाकात हो जिंदगी की

वक्त के रहते ही समझ आ जाए तो अच्छा
कौन जान समझ आने पर वक्त शेष हो ना हो
आज के सरताज हो तो कल की बुनियाद हो तुम
कौन जाने सितारा कौन सा कब टूट जाता है

आज की उम्मीद नहीं कल की खबर नहीं
फिर भी आज से क्यों हो रहा बेखबर है
इस पल के इतिहास का बन रचयिता आज तू
आज आज के चक्र में कल भी निकल जाता है

एक लम्हे में ही जीवन बदल जाता है
हर लम्हे में एक कहानी बन जाती है

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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