हर पल दिल बस तुझको देखे
(Har pal dil bas tujhko dekhe )
हवाओं में फिजाओं में, धड़कनों सदाओं में।
मौसम की बहारों में, सावन की घटाओं में।
महकती वादियों में, दिल के जो अरमान रखें।
सलोनी सूरत वो प्यारी, ख्वाबों में तुझको देखे।
हर पल दिल बस तुझको देखे-2
चाल निराली लगे तेरी, हर अदा मनभावन सी।
प्रेम की सरिता बहती, काली घटाएं सावन सी।
गीतों के तराने प्यारे, लबों पे गीत हमने रखे।
बैठे इंतजार में हम, तेरी राहों में तुझको देखे।
हर पल दिल बस तुझको देखे-2
माला के मोतियों सी, पावन श्रद्धा विश्वास तुम हो।
दिल की धड़कन प्यारी, दुनिया में खास तुम हो।
मनमंदिर में दीप जला, घट घट जोत जलाए रखें।
पावन गंगा धारा सी, धवल चांदनी तुझको देखे।
हर पल दिल बस तुझको देखे-2
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )