मां नर्मदा | Maa Narmada
मां नर्मदा
( Maa Narmada )
अनंत नमामि मां नर्मदा
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हिंद उत्संग अति आह्लाद,
पुनीत दर्शन सरित छटा ।
मातृ उपमा संबोधन सेतु,
नित निर्माण आनंद घटा ।
दिव्य मर्म अंतर सुशोभना,
स्कंद पुराण नित बखान अदा ।
अनंत नमामि मां नर्मदा ।।
शिव सुता मोहक अनुपमा,
माघ शुक्ल सप्तमी अवतरण।
धन्य संपूर्ण देव धरा लोक,
सर्वत्र पावनता संचरण ।
महा रूपवती परम आभा,
मोहित सृष्टि रज रज सदा ।
अनंत नमामि मां नर्मदा ।।
पंचम दीर्घ सुआकार छवि,
पश्चिम बहाव शृंगार प्रथमा ।
उद्गम स्थल अमरकंटक,
अंतस्थ गंगा सम विमलता रमा ।
रेवा स्थानिक अपनत्व संज्ञा,
मोक्षदायिनी प्रभा सर्वदा ।
अनंत नमामि मां नर्मदा ।।
मध्य प्रदेश गुजरात शोभना,
उपमित अनूप जीवन रेखा ।
उत्तर दक्षिण भव्य विभाजक,
हिंद परंपरा कल्याण लेखा ।
नित वंदन अभिनंदन संकल्प,
संरक्षण प्रयास मूल रूप तदा ।
अनंत नमामि मां नर्मदा ।।
नवलगढ़ (राजस्थान)