महाशिवरात्रि की प्रार्थना
महाशिवरात्रि की प्रार्थना
हे महादेव, त्रिलोक के नाथ,
आप हरते हैं हर भक्त का त्रास।
सुनो मेरी भी करुण पुकार,
लौटा दो दिकु को इस बार।
जैसे मां पार्वती ने की तपस्या महान,
सह लिया हर कठिन तूफ़ान।
वैसे ही मेरा प्रेम है अडिग खड़ा,
अब भी उसकी राह में है दीप जला।
हे भोलेनाथ, कृपा बरसाओ,
इस प्रेम की डोरी को फिर से बंधाओ।
जो अधूरी कहानी रह गई थी,
उसे पूर्णता का आशीष दिलाओ।
तेरे चरणों में अर्पण है मेरी प्रीत,
हर पल मन में गूंजे केवल तेरा ही गीत।
कर दो मेरा कठिन जीवन सफल,
मुझे दिकु का संग मिले हर पल।

कवि : प्रेम ठक्कर “दिकुप्रेमी”
सुरत, गुजरात
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