मैं तुम्हें चाहने लगा | Main Tumhe Chahne Laga
मैं तुम्हें चाहने लगा
( Main tumhe chahne laga )
प्रणय अनुबंध पर,मैं तुम्हें चाहने लगा
प्रेम पथ जगी लगन ,
तन मन अथाह मगन ।
देख दिव्य अक्स तुम्हारा,
हृदय मधुर गाने लगा ।
प्रणय अनुबंध पर,मैं तुम्हें चाहने लगा ।।
मुझे लगी जो सनक ,
सबको हो गई भनक ।
हर पल जीवन पर,
नशा सा अब छाने लगा ।
प्रणय अनुबंध पर,मैं तुम्हें चाहने लगा ।।
हर जगह तुम्हारा रूप ,
ढलने लगा उसी अनुरूप ।
अधरों पर सबसे पहले,
नाम तुम्हारा आने लगा ।
प्रणय अनुबंध पर, मैं तुम्हें चाहने लगा ।।
अंतर्मन घुंघुरू बजने लगे ,
तुम्हारी तरह सजने लगे ।
देखकर तुम्हें धीरे धीरे,
दुनिया का मोह जाने लगा ।
प्रणय अनुबंध पर, मैं तुम्हें चाहने लगा ।।
कानों में तुम्हारा स्वर ,
विरह में तुम्हीं परवर ।
अनुभूत कर तुम्हारी सौरभ,
असीम आनंद आने लगा ।
प्रणय अनुबंध पर,मैं तुम्हें चाहने लगा ।।
नवलगढ़ (राजस्थान)