मणिपुर की व्यथा | Manipur ki Vyatha
मणिपुर की व्यथा
( Manipur ki vyatha )
मूक बधिर हुआ धृतराष्ट्र
द्वापर जैसी फिर चूक हुई
सत्ताधारी अब चुप क्यों है,
राज सभा क्यूं अब मुक हुई ।।
लोक तंत्र की आड़ न लेना
क्या वोटो के ही सब गुलाम है
या द्वापर जैसी सभा हुई एक
पांचाली आज भी समक्ष सबके
निर्वस्त्र हुई सरे आम है ।।
क्या कोई पुरुष नही हुआ होगा
या कलयुग का ही सारा काम है
क्या कृष्ण नही किंचित भी कही
धर्म धारण करने का क्यूं फिर स्वांग है ।।
कलयुग में क्या धर्म यूंही
हर पल पग से कुचला जाएगा
क्या स्त्री के सम्मान की खातिर
अब कोई पुरुष न कभी आएगा ।।
क्यूं चुप थे सभी पुरुष पुरोधा ,
आज मानवता हुई शर्मसार हैं
हैवानियत देखो ये कैसी थी कि,
आज हर स्त्री फिर क्यूं लाचार हैं।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश
dubeyashi467@gmail.com