मतदान जरूर करें
मतदान जरूर करें
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लोकतंत्र के महापर्व का मजा ले लो भैया,
नियत तिथि को मतदान कर चुनो भविष्य भैया।
अपनी ताकत-एकजुटता का दिखलाओ एहसास,
जो काम न करे, कहें उसे नो बाॅस!
अच्छे उम्मीदवार को कुर्सी पर बिठाएं,
गर ना हो पसंद ‘नोटा विकल्प’ दबाएं।
जांच परख कर किसी को दीजिए अपना मत,
लालच लोभ में पड़कर पहले ही ना कर दें प्रकट।
प्रात:काल की बेला में ही मतदान अपना कर आएं,
घर जाकर झट से आधी आबादी को भिजवाएं।
कोविड-19 के निर्देशों को पूरी तरह अपनाएं,
मास्क पहनकर ही भैया केन्द्र को जाएं।
बीमारी से बचते हुए लोकतंत्र को बचाना है,
अपने बिहार को अब पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना है।
सदी इक्कीसवीं हैं,
एआई ( कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का जमाना है-
उसी अनुरूप बिहार को बढ़ाना है।
कुछ ऐसा संकल्प लेकर घर से निकलें,
केन्द्र पर पहुंचे आप ही सबसे पहले।
नर नारी की भागीदारी हो बिल्कुल आधा आधा,
महिलाएं घर से निकलें लिए विकास का इरादा।
जोश हो, उत्साह हो मतदान के दिन,
गर चूक गए तो !
पांच साल आप ही होंगे परेशान,
विकास का नहीं रहेगा नामोनिशान।
भटकेंगे युवा, महंगी होगी खेती किसानी,
देश दुनिया में पिछड़े बिहार को देख होगी हैरानी।
फिर पछताएंगे!
लेकिन ये आंसू भी काम न आएंगे।
फिर पांच साल बाद ही आएगा ऐसा दिन,
एक दिन बरस बराबर होगा!
जब खुशियां जाएंगी छीन।
लोकतंत्र के महापर्व में बढ़ चढ़कर करें योगदान,
संवैधानिक अधिकार है करना मतदान;
अपने वोट की कीमत समझो अम्मा, भाईजान!
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लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।
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