मेरी यादे | Meri Yaadein
मेरी यादे
( Meri yaadein )
ना जाने कैसा
दोस्ती का रिश्ता था
वह बुलाया करते थे,
और हम उनसे मिलने जाया करते थे।
नही दिखते थे तो
वह पूरा स्कूल ढूंढ लिया करते थे।
आज भी उन्हें याद करते हैं,
हर वक्त उनसे मिलने की दुआ रब से करते हैं।
दो पल की मुलाकात से इतनी प्यारी दोस्ती जुड़ गयी थी,
कि जब उसे परेशानी होती थी
तो हम उनके साथ होते थे !
वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त है ,
बोहोत दूर है मगर मेरे दिल के करीब है
तस्वीर नहीं है उसकी कोई मेरे पास,
लेकिन यादें बहोत हैं
तोहफे नहीं हैं उसके कोई,
दोस्ती का धागा नहीं बाँधा उसे
लेकिन वह मेरी अच्छी दोस्त जरूर है।
नौशाबा जिलानी सुरिया
महाराष्ट्र, सिंदी (रे)
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